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भारत में, कुल आयातित प्रौद्योगिकी का लगभग आधा हिस्सा मैकेनिकल इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी का है। उत्पादों के संदर्भ में, कुल आयात मूल्य के लगभग एक तिहाई के मैकेनिकल इंजीनियरिंग उपकरणों का आयात किया जाता है। उद्योगों के लिए स्वदेशी मैकेनिकल इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए, फरवरी 1958 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी के विकास के विशेष कार्य सहित दुर्गापुर में केन्द्रीय मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई, ताकि यह अनुसंधान एवं विकास आत्मनिर्भरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।
सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमईआरआई) वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के तत्वावधान में मैकेनिकल इंजीनियरिंग का शीर्ष अनुसंधान एवं विकास संस्थान है। इस क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर का एकमात्र अनुसंधान संस्थान होने के नाते, सीएमईआरआई का अधिदेश उद्योग की सेवा और मैकेनिकल इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी को विकसित करना है ताकि रणनीतिक और अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में विदेशी सहयोग पर भारत की निर्भरता को काफी कम किया जा सके। इसके अलावा, यह संस्थान अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों में भारतीय प्रतिभा के दावों की स्थापना के लिए नवाचारों और आविष्कारों की सुविधा दे रहा है जहां भारतीय उत्पाद अंततः प्रतिस्पर्धा करेगा।
नई सहस्राब्दी में, सीएमईआरआई अनुसंधान गतिविधियों के अपने क्षितिज का विस्तार करने के लिए तैयार है ताकि देश को अत्याधुनिक और नए क्षेत्र में आगे बढ़ाया जा सके।
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